मॉनसून सत्र एक विजय उत्सव; ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर बोले PM मोदी, विपक्ष से की एक खास अपील.
मॉनसून सत्र एक विजय उत्सव; ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर बोले PM मोदी, विपक्ष से की एक खास अपील.
नई दिल्ली, संसद भवन — संसद का मॉनसून सत्र 2025 एक नई ऊर्जा और उत्साह के साथ आरंभ हुआ। इस सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए इसे “विजय उत्सव” करार दिया। उन्होंने हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुए “ऑपरेशन सिंदूर” का विशेष उल्लेख किया और इसे भारत की सैन्य और मानवीय शक्ति का प्रतीक बताया। साथ ही उन्होंने विपक्ष से भी एक महत्वपूर्ण अपील की, जो देश के लोकतंत्र को और अधिक मज़बूती प्रदान करने की दिशा में थी।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा से की। यह ऑपरेशन हाल ही में विदेशी धरती पर फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के उद्देश्य से चलाया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा,
“ऑपरेशन सिंदूर, सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं था, यह भारत की नीतिगत स्पष्टता, त्वरित निर्णय क्षमता और मानवीय संवेदनाओं का प्रत्यक्ष प्रमाण था। हमारी सरकार हर नागरिक के जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, चाहे वह कहीं भी हो।”
उन्होंने सेना, वायुसेना, और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को इस अद्वितीय सफलता के लिए बधाई दी और कहा कि यह अभियान भारत की वैश्विक छवि को और मज़बूत करता है।
“विजय उत्सव” क्यों कहा गया मॉनसून सत्र को?
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार के मॉनसून सत्र को “विजय उत्सव” की संज्ञा दी। उन्होंने बताया कि बीते महीनों में भारत ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं – चाहे वह चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरना हो, G20 की अध्यक्षता, या भारत की आर्थिक विकास दर का नया कीर्तिमान।
मोदी ने कहा,
“यह सत्र सिर्फ विधायी कामकाज का अवसर नहीं है, बल्कि यह भारत की उपलब्धियों का उत्सव है। हम सबको साथ मिलकर इसे सार्थक और ऐतिहासिक बनाना चाहिए।”
विपक्ष से खास अपील
सत्र के दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष को संबोधित करते हुए एक खास अपील की। उन्होंने आग्रह किया कि संसद को बाधित करने की परंपरा से बचा जाए और बहस तथा विमर्श को प्राथमिकता दी जाए।
“जनता हमें संसद में भेजती है ताकि हम उसकी समस्याओं पर चर्चा करें, समाधान निकालें। मैं विपक्ष के सभी साथियों से निवेदन करता हूं कि वे रचनात्मक सुझावों के साथ सदन की गरिमा को बनाए रखें।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में विरोध ज़रूरी है, लेकिन वह मर्यादा के भीतर होना चाहिए। उन्होंने विपक्ष को साथ मिलकर काम करने का निमंत्रण भी दिया और कहा कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होना चाहिए।
सत्र में क्या-क्या हो सकता है चर्चा का विषय
मॉनसून सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा प्रस्तावित है। इसमें निम्नलिखित प्रमुख मुद्दे शामिल हैं:
- यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर प्रारंभिक चर्चा
- डिजिटल डेटा संरक्षण विधेयक का पारित होना
- महिला आरक्षण विधेयक पर व्यापक बहस
- हाल ही में मणिपुर और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर विशेष चर्चा
- मूल्यवृद्धि और बेरोजगारी पर भी विपक्ष सवाल उठाने को तैयार है
प्रधानमंत्री ने इन सभी विषयों पर खुली बहस की बात कही और सभी सांसदों से सकारात्मक योगदान देने का आग्रह किया।
जनता की उम्मीदें और संसदीय ज़िम्मेदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यह सत्र देशवासियों की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा,
“आज देश का युवा, महिला, किसान और उद्यमी हमसे कुछ ठोस फैसले चाहता है। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इस पवित्र मंच पर बैठकर उन्हें जवाब दें, न कि केवल नारेबाज़ी करें।”
मॉनसून सत्र एक विजय उत्सव; ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर बोले PM मोदी, विपक्ष से की एक खास अपील.
मॉनसून सत्र 2025 की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सकारात्मक और प्रेरणात्मक भाषण से हुई। “विजय उत्सव” का यह संदेश न केवल देश की उपलब्धियों का गौरवगान है, बल्कि यह आने वाले दिनों में संसद में हो सकने वाले सकारात्मक विमर्श और लोकतांत्रिक सहयोग की भी झलक देता है।
प्रधानमंत्री द्वारा ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र करके देश की सुरक्षा और विदेश नीति को जिस प्रकार सराहा गया, वह निश्चित ही नागरिकों के मन में गर्व का संचार करता है। अब यह देखना होगा कि विपक्ष इस अपील पर कितना ध्यान देता है और यह सत्र कितना फलदायक सिद्ध होता है।