उनकी राह और एक हाईवे: रणथंभौर में जानवरों के लिए ‘फ्री पास’ देने की तैयारी, शुरू हुआ काम:
उनकी राह और एक हाईवे: रणथंभौर में जानवरों के लिए ‘फ्री पास’ देने की तैयारी, शुरू हुआ काम:
राजस्थान के प्रसिद्ध रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में अब जानवरों की राह में इंसानी रुकावटें हटाने की पहल की जा रही है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले हाईवे (NH-552) को लेकर एक बड़ी योजना पर काम शुरू हो गया है, जिसका मकसद है – वन्यजीवों को बिना किसी खतरे के आने-जाने की ‘फ्री पास’ सुविधा देना।
इस हाईवे के कारण अक्सर बाघ, तेंदुए, हिरण और अन्य जानवरों का आना-जाना बाधित होता है। कई बार सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं जिससे जानवरों की जान को खतरा रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और वन विभाग मिलकर एक “वाइल्डलाइफ कॉरिडोर” विकसित कर रहे हैं। इसके तहत सड़क के नीचे अंडरपास और ऊपर ओवरपास बनाए जा रहे हैं ताकि जानवर निर्बाध रूप से आर-पार आ-जा सकें।
यह परियोजना सिर्फ बाघों के लिए नहीं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। इससे न केवल जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भी सड़कों पर अधिक सतर्कता बरतने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह परियोजना सफल होती है तो यह पूरे देश के अन्य वन क्षेत्रों के लिए भी एक आदर्श मॉडल बन सकती है। रणथंभौर, जो कि बाघों की मौजूदगी के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, वहां जानवरों के लिए ऐसी सुविधा वास्तव में ‘उनकी राह और एक हाईवे’ जैसी साबित हो सकती है।